शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों के प्रबन्धन हेतु संस्थान के वैज्ञानिकों ने बहुत सारी तकनीकियाँ विकसित की है। वैज्ञानिको द्वारा दीर्घावधि एवं लघु अवधि के परामर्श विभिन्न देशों को उपलब्ध कराये जा रहे है। निम्न विषयों पर परामर्श उपलब्ध कराया जाता है। :
- एकीकृत प्राकृतिक संसाधन सर्वेक्षण
- मरूस्थलीकरण मूल्यांकन, प्रबोधन और नियन्त्रण के उपाय
- मृदा कटाव और टीबा स्थरीकरण
- एकीकृत जल प्रबन्धन
- जल ग्रहण प्रबन्धन
- सतत शुष्क भूमि कृषि
- शुष्क भूमि सिंचाई प्रबंधन
- मृदा-जल-पौध सम्बन्ध
- एकीकृत पौषक तत्व प्रबन्धन
- अवह्वासित भूमि प्रबन्धन
- अतिरिक्त भू-उपयोग पद्धति
- पशुधन उत्पादन और प्रबन्धन
- पौध उत्पाद और प्रसन्स्करण उनका संधारण
- सौर ऊर्जा और इसका ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग
- एकीकृत कीट प्रबन्धन