क्र.सं. |
परियोजना का नाम |
अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग |
अवधि |
1. |
ग्रामीण जीवनस्तर सुधारने हेतु शुष्क एवं अर्द्धशुष्क क्षेत्रों की पादप प्रजातियों के आनुवांशिक स्त्रोत |
एफएओ/एनबीपीजीआर |
1984 |
2. |
मरुस्थलीकरण प्रबोधन |
यूएसएसआर विज्ञान अकादमी |
1988 |
3. |
पश्चिमी राजस्थान में स्वीकार्य बाजरा का जर्मप्लाज्म और प्रजनन मूल्यांकन |
इक्रीसेट |
1989 |
4. |
चारा, कृषि अनुसंधान और सूखा प्रबन्धन |
इक्रीसेट |
1989 |
5. |
राजस्थान के शुष्क बीकानेर जिले के गाँवों मेंः मरुस्थल कृषि |
आईएफएडी |
1989 |
6. |
शुष्क क्षेत्र फसल और फसल पद्धति में अवशिष्ट प्रबन्धन द्वारा उर्वरक की प्रभावकारिता को बढ़ाना |
यूएसडीए |
1990 |
7. |
बंजर भूमि पुर्नसुधार और सूखा सहनीय जर्मप्लाज्म वृद्धि |
यूएसडीए |
1990 |
8. |
भारत के शुष्क और अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में खेत में जल संतुलन और फसल उपज एवं जल प्रयोग सम्बन्ध माॅडल विकास |
यूएसडीए |
1990 |
9. |
संकार्यरत मृदा सुधार सामग्री के प्रयोग द्वारा वानिकी अध्ययन |
एनसीएलआई, जापान |
1990 |
10. |
’’भारतीय शुष्क क्षेत्रों में फील्ड नमी संतुलन बढ़ाने में जल - उत्पादन सम्बन्ध’’ माॅडल विकास/परीक्षण |
इंडो-यूएस परियोजना |
1990-1997 |
11. |
सूखा सहनीय एवं बंजर भूमि पुर्नद्धार के लिए जर्मप्लाज्म बढ़ाना |
यूएसडीएइ |
1990-1998 |
12. |
भारत के शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में जलाऊ लकड़ी और चारा उत्पादन हेतु प्रोसोपिस प्रजाति का मूल्यांकन |
यूएसडीएइ |
1991 |
13. |
मृदा जल और पौषक तत्व प्रबन्ध हेतु एकीकृत पद्धति |
इक्रीसेट |
1997-1999 |
14. |
चूना पत्थर खनन क्षेत्रों का पुर्नसुधार |
इंडो-यूएस परियोजना |
1999-2004 |
15. |
लवणीयता से प्रभावित मृदा का मानचित्रण और उच्च लवणीय/आरएससी (कार्बोनेट) जल से सिंचित अवहासित मृदा सुधार हेतु इंडो हंगेरियन परियोजना |
इंडो-हंगेरियन परियोजना |
2000-2002 |
16. |
शुष्क क्षेत्र सामुदायिक चारागाह भूमि के अवहास के कारण एवं मात्रात्मक आंकलन हेतु एकीकृत प्रौद्योगिकी |
एसीआईएआर |
2000-2004 |
17. |
काजरी जोधपुर में बाजरा नर नपुंसक लाइन प्रजनन |
आईसीएआर/इक्रीसेट |
2002-2004 |