- शुष्क पारिस्थितिकी तंत्र में टिकाऊ कृषि प्रणालियों के विकास हेतु आधारभूत एवं स्वीकार्य अनुसंधान।
- प्राकृतिक संसाधनों की स्थिति, मरूस्थलीकरण प्रक्रिया और उसके नियन्त्रण हेतु डिजिटल आंकड़ों सहित सूचना एकक के रूप में कार्य करना।
- गम्भीर सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए पशुधन आधारित कृषीय पद्धति एवं चरागाह प्रबंधन के तरीकों को सहित विकसित करना।
- उत्पादन प्रणालियों में उच्च और उचित प्रौद्योगिकियों का उपयोग एवं विकास करना।
- क्षेत्र-विशिष्टाधारित प्रौद्योगिकियों के विकास एवं हस्तान्तरण हेतु राज्य कृषि विश्वविद्यालय, राज्य के संबंधित विभागों और अन्य राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग करना एवं वैज्ञानिक नेतृत्व प्रदान करना।