- शुष्क क्षेत्रों में एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबोधन
 - कच्छ क्षेत्र की शुष्क क्षेत्र कृषि पद्धति हेतु मृदा-कटावगत उत्पादकता माॅडल का विकास और मूल्यांकन
 - पश्चिमी राजस्थान की सामुदायिक भूमि की स्थिति
 - पश्चिमी राजस्थान में वात कटाव और मृदा क्षरण और इसका कृषि उत्पादकता पर प्रभाव
 - ग्वार, मूंग और मोठ में आनुवांशिक सुधार
 - लेज्यूरस सिंडीकस में संग्रहण और प्रवृत्त उत्परिवर्तजनन द्वारा वैभिन्यता को बढ़ाना।
 - बाजरा के संकर जनक और संकर में उच्चतापमान सहनीयता हेतु प्रजनन।
 - शुष्क क्षेत्रों में ज्वार के जीवद्रव्य का संग्रहण, विश्लेषण और प्रांरभिक मूल्यांकन
 - गुजरात के कच्छ क्षेत्र में सूखा और लवणीयता सहन करने वाली उच्च घास उत्पादन देने वाली ज्वार की किस्म का चयन एवं विश्लेषण
 - शुष्क क्षेत्रों की शुष्क स्थितियों में मतीरा और तुम्बा की बीज उपज वाले जीन प्रकार का विकास
 - पश्चिमी राजस्थान की कम विदोहित झाड़ियों के जीवद्रव्य का संग्रहण, विकास और संरक्षण।
 - भारतीय शुष्क क्षेत्र के जैविक घटकों का संग्रहण और डिजिटलाइजेशन (आंकड़ा संग्रहण)
 - बाजरा की उच्च तापमान सहनीय किस्म का विकास।
 - जैव अपशिष्ट से जैविक-खनिज उर्वरक संश्लेषण आधारित उत्पादन तकनीक का विकास और कृषीय जलवायु प्रभाव कारिता का आंकलन।
 - शुष्क पश्चिमी मैदानी स्थितियों के अन्तर्गत ग्वार उत्पादन को बढ़ावा देना तथा ग्वार की खेती को आत्मसात करने की संभावना का आंकलन।
 - मसाला बीजों हेतु बीज उपचार और कोटिंग का विकास
 - ग्वार में संकरण द्वारा आनुवांशिक विविधता बढ़ाना
 - ग्वार और मोठ में प्रभावकारी पृथककरण, विश्लेषण और मूल्यांकन
 - ग्रेिआ एवं गून्दा आधारित कृषि वानिकी पद्धति का कच्छ के शुष्क क्षेत्रों में संग्रहण, विकास, विश्लेषण और परिचय।
 - पश्चिमी राजस्थान के अर्द्ध (सिंचित) शुष्क क्षेत्रों में गून्दा आधारित कृषि वानिकी।
 - शुष्क क्षेत्र में पुर्नउद्धारित बेर उद्यान में कृषि-उद्यानिकी पद्धति विकास।
 - बाजरा में दीर्धाविधि उर्वरक देय परीक्षण
 - शुष्क क्षेत्र एकीकृत कृषि पद्धति में संसाधन प्रयोग प्रभावकारिता का खेतों पर मूल्यांकन
 - गुजरात के शुष्क क्षेत्रों हेतु घास-फलीदार धान मिश्रण का गुणवत्ता पूर्ण चारे और मृदा सुधार हेतु विकास
 - सुखे क्षेत्र की कृषि पारिस्थितिकी में कृषि वानिकी पद्धति के अन्तर्गत कार्बन विगलन एवम् पृथककरण संभाव्यतया का अध्ययन
 - अर्द्ध शुष्क सीमित सिंचित क्षेत्रों वाले क्षेत्र में कृषि-वानिकी पद्धति में कार्बन पृथककरण संभाव्यता
 - कच्छ क्षेत्र में (केकट्स पीअर) (नागफणी) का स्थापन्न, विकास और प्रयोग अध्ययन
 - शुष्क क्षेत्र उत्पादकता मे जैविक पद्धति को आत्मसात करना
 - शुष्क क्षेत्रों में आर्थिक सुदृढ़ता लाने हेतु एकीकृत कृषि पद्धति
 - लूनी बेसिन में उद्यानिकी पद्धति आधारित उत्पादन पद्धति
 - शुष्क क्षेत्रों में मृदा की विभिन्न प्रबन्धकीय सित्थीयों प्रक्रिया में ग्वार आधारित कृषि पद्धति की कृषि आर्थिकी और निष्पादन का मूल्यांकन
 - तापमान दबाव के अन्तर्गत सरसों में एन्टी आॅक्सीडेन्ट संक्रिया और उत्पादकता कार्यिकी मूल्यांकन
 - फसल जड़ वृद्धि के सम्बन्ध में मृदा कठोरता (काम्पेक्शन) और उसके सुधार का मूल्यांकन।
 - संरक्षित कृषि द्वारा जल प्रभावकारिता सुधार
 - शुष्क क्षेत्रों में खड़ीन पद्धति के अन्तर्गत मृदा और फसल उत्पादकता का मूल्यांकन और सुधार
 - बरनिआ, डूंगरपुर के जनजाति समुदाय के लिए एकीकृत जलसंग्रहण पद्धति विकास
 - शुष्क पश्चिमी राजस्थान में मंूगफली और गर्मी में ग्वार की फसल के सम्बन्ध में जल और ऊर्जा संतुलन प्रभागों का मात्रात्मक विश्लेषण।
 - शुष्क क्षेत्रों के पशुओं की जल-आवश्यकता का अध्ययन
 - विभिन्न प्रबंन्धीय पद्धतियों में चारागाह भूमि की उत्पादन संभाव्यता और उसमें सुधार का आंकलन
 - किसान के खेतो पर पशुपालन आधारित कृषि पद्धति में फार्म उत्पादकता सुधार
 - शुष्क क्षेत्र में स्थानीय तौर पर उपलब्ध पौध स्त्रोतो से बेक्ड खाद्य पदार्थो का निर्माण
 - लेह के शीत शुष्क पारिस्थितिकी में कृन्तकों की बहुलता और वितरण का अध्ययन
 - जीरा, मूंगफली और अरण्डी हेतु एकीकृत कीट प्रबन्धन का विकास
 - फलीवाली फसल में जड़ गलन का कारण रहे गेनोड़रमाल्यूसीडम के विरूद्ध जैव नियंत्क एजेन्ट का पृथककरण, विकास और परिचय।
 - नर्मदा नहर क्षेत्र में कृन्तक विविधता का मूल्यांकन
 - शीत शुष्क क्षेत्रों की मुख्य फसलों में खरपतवार नियन्त्रण
 - शुष्क क्षेत्र उत्पादों हेतु चयनित कृषि प्रसंस्करण संसाधन मशीनों का पुर्नसुधार
 - संकार्य की विभिन्न स्थितियों में सौर पीवी पम्प आधारित सूक्ष्म सिंचाई पद्धति में ऊर्जा और जल का युक्तियुत प्रयोग
 - काजरी द्वारा विकसित सौर युक्तियों और उन्नत यंत्रों का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदर्शन
 - फलों और सब्जियों को सुखाने हेतु सौर शुष्कक में उष््मीय पीसीएम थर्मल ऊर्जा संग्रहक का युक्तियुत प्रयोग
 - अन्तर्वर्ती लूनी बेसिन के मैदानों में दाबाधारित सिंचाई पद्धति की स्वीकार्यता और प्रभाव
 - बानी क्षेत्रों में किसानों द्वारा एकीकृत तकनीक प्रयोग का विश्लेषण।
 - भा.कृ.अनु.प.- काजरी मॉडल विलेज (आदर्श गांव) परियोजना।
 
एकीकृत प्राकृतिक संसाधन मूल्यांकन, प्रबोधन और मरूस्थलीकरणः
बहुवार्षिक और वार्षिक फसल जैव विविधता संरक्षण व सुधार
एकीकृत शुष्क भूमि कृषि पद्धति अनुसंधान
एकीकृत भूमि और जल संसाधन प्रबन्धन
पशुधन उत्पादन और प्रबंधन सुधार
पौध उत्पाद और मूल्य संवर्द्धन
एकीकृत कीट प्रबंधन
गैर पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोत, फार्म मशीनरी और ऊर्जा
तकनीक मूल्यांकन, पुर्नसुधार और प्रशिक्षण

