भाकृअनुप - केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान

ISO 9001 : 2008 प्रमाणित संस्थान

राष्ट्रीय

1. पौधों में एबायोटिक स्ट्रेस प्रबन्धन के लिए जीवाणु और फफंूद एन्डो सिम्बोसिस के जैव रासायनिक एवं आणविक आधार की पहचान।
2. अनार हेतु डीयूएस परीक्षण केन्द्र।
3. जैव तकनीकी प्रयोग द्वारा विलुप्त होती पौध प्रजातियों की संरक्षण स्थिति में सुधार और विलुप्त होने से बचाना।
4. ऊत्तक संवर्धन तकनीक से लगाये पौधों का तीन स्थानों पर उत्पादन और प्रदर्शन। खजूर के पौधों का जीव द्रव्य संग्रहण और प्रबन्धन।
5. शुष्क क्षेत्रों की फसलों हेतु जीन बैंक की स्थापना।
6. कच्छ के अति लवणीय एवं क्षारीय मैदानों में चारा संसाधन बढ़ाने हेतु जंगली लवणोद्भिद घासों का अनुकूलन।
7. विलुप्त हाने के कगार पर पहुँचे रेगिस्तान में लकड़ी को प्रमुख स्त्रोत रोहिड़ाहै। मारवाड़ टीक (टेकोमेला अन्ड्यूलता) की आनुवांशिक विविधता का मूल्यांकन, प्रवर्धन एवं संरक्षण।
8. जोधपुर जिले का भू-उपयोग एवं भू-आच्छादित मानचित्र 1:10000 स्केल पर।
9. कुलथी, ग्वार, मोठ और लेज्यूरस में विशिष्टता, एक रूपता और स्थायित्वता (डीयूएस) परीक्षण हेतु दिशा-निर्देशों का विकास।
10. शुष्क राजस्थान में आजीविका एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु सहभागिता आधार पर नर्सरी की स्थापना।
11. एकीकृत जीनोमिक्स तथा पादप प्रजनन द्वारा चने की पौषकता वृद्धि ।
12. अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना-राष्ट्रीय बीज परियोजना।
13. बाड़मेर जिले का भू-उपयोग एवं अच्छादन मानचित्रण (फसल) 1ः10000 स्केल पर।
14. शुष्क क्षेत्रीय फसलों हेतु गुणवत्ता वाले बीज एवं पौध सामग्री का उत्पादन।
15. प्राकृतिक राल एवं गोंद का निस्सारण, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन।
16. हिमालय - पारिस्थितिकी तंत्र की सततता हेतु राष्ट्रीय मिशन (टास्क फोर्स-6 हिमालय कृषि)।
17. हिमालय पारिस्थितिकी में स्थायित्वता हेतु राष्ट्रीय मिशन-टास्क फोर्स-5, देशी तकनीकी ज्ञान (आईटीके)।
18. कृषि में कार्बन-जब्ती वृद्धि द्वारा जलवायु परिवर्तन का मुकाबला और पश्चिमी भारत के शुष्क क्षेत्रों में ताप दबाव हेतु स्वीकार्य रणनीति।
19. उद्यानिकी विकास द्वारा आदिवासी किसान महिलाओं कीआजीविका एवं पौषक सुरक्षा।
20. राष्ट्रीय कृन्तक नियन्त्रण परियोजना।

विदेश वित्त पोषित

1. इन्दिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र (फेज-प्प्) में फसल और जल उत्पादकता वृद्धि।
2. भारत के कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सतत आजीविका हेतु कृषि उत्पाद तथा प्रबन्धन।
3. भारत के कम वर्षा वाले क्षेत्रों में आॅपून्टीआ फीकस-इंडिया की उपयोग संभाव्यता और सामुदायिक आधार पर प्रक्षेत्र भूमि प्रबन्धन।

समाचार / घोषणाएँ